नई दिल्ली
: ओडिशा के पुरी में रथ यात्रा के दौरान मची भगदड़ में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो महिलाएं हैं और 10 अन्य घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी शुभद्रा की मूर्तियों को ले जा रहे तीन रथ श्री गुंडिचा मंदिर के पास थे, जो जगन्नाथ मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर दूर है, जहां से यात्रा शुरू हुई थी।
आज सुबह करीब 4.30 बजे पवित्र रथ गुंडिचा मंदिर में थे और दर्शन के लिए बड़ी भीड़ उमड़ी थी। भीड़ बढ़ने पर कुछ लोग गिर पड़े और भगदड़ मच गई। तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इनमें दो महिलाएं प्रभाती दास और बसंती साहू और 70 वर्षीय प्रेमकांत मोहंती शामिल हैं। पता चला है कि तीनों खुर्दा जिले के रहने वाले हैं और रथ यात्रा के लिए पुरी आए थे। स्थानीय मीडिया ने बताया कि मौके पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की व्यवस्था अपर्याप्त थी। रिपोर्ट के अनुसार घायलों में से कुछ की हालत गंभीर है।
पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा
पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा कि पीड़ितों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और जांच से मौत की सही वजह का पता चलेगा। उन्होंने कहा कि पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था थी, लेकिन भीड़ अचानक बेकाबू हो गई, जिससे यह हादसा हुआ।
Shubh Jagannath rath yatra 2025 🙌 pic.twitter.com/gZr4pGi695
— Bhagavad Gita 🪷 (@Geetashloks) June 26, 2025
जिम्मेदारी और दोषारोपण :पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसे “गंभीर अक्षमता” बताया, जो सरकार की लापरवाही का संकेत थी कानून मंत्री ने मृतकों की पुष्टि की है और उचित जांच व कार्यवाही का आश्वासन दिया
क्यों हुई भगदड़ – संभावित कारण **अत्यधिक भीड़** – रथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है, लाखों लोग जुटते हैं। – ट्रैफिक और ट्रक की मौजूदगी ने स्थिति को और जटिल बनाया
**भीड़ प्रबंधन में चूक** – सीमित मार्ग व कंट्रोल की कमी रही। – स्थल पर सुरक्षा घटक पर्याप्त नहीं थे, NSG और AI-मैनेजमेंट तैनात नहीं हो सके लापरवाही – ट्रक/वाहन की अनुमति भीड़ भरी क्षेत्र में दे दी गई, जिससे भगदड़ को उकसाहट दी गई
विश्लेषण और आगे की क्या जरूरत? भीड़ प्रबंधन में तकनीकी सुधार – अगले आयोजनों में AI और CCTV आधारित crowd tracking जैसे उपाय अपनाएं मंच ज़ोन और वाहनों का स्पष्ट वर्जन ज़ोनिंग – रथ से जुड़ा मार्ग और वाहन-पार्किंग ज़ोन अलग रखें। एमरजेंसी रेडीनेस में सुधार – मेडिकल व पुलिस स्टेशनों की संख्या बढ़ाएं। प्रत्यक्षदर्शी व्लॉग / वीडियो संसाधन – घटना के दृश्य और बयान यात्रा के लिए media awareness बढ़ाएंगे।
सुधार की जरूरत – भविष्य के लिए सबक
🔸 1. AI आधारित भीड़ प्रबंधन
CCTV कैमरों को real-time AI tools से जोड़कर ऐसे क्षेत्रों में तुरंत अलर्ट भेजा जा सकता है जहाँ भीड़ अधिक हो।
रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और मुख्य मंदिर मार्ग पर QR entry या RFID wristbands से भीड़ ट्रैकिंग की जा सकती है।
🔸 2. इवेंट ज़ोनिंग और एकतरफा आवागमन
रथ यात्रा मार्ग को क्लियर ज़ोनिंग में बांटना ज़रूरी है:
श्रद्धालुओं का मार्ग
सेवा वाहनों का मार्ग
इमरजेंसी सर्विस का मार्ग (ambulance, police)
🔸 3. स्थानीय वॉलंटियर्स और प्रशिक्षित सुरक्षा बल
NDRF जैसे सिविल आपदा प्रतिक्रिया बलों को इस प्रकार के आयोजनों में सक्रिय रूप से शामिल किया जाना चाहिए।
स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर वॉलंटियर फोर्स बनाई जा सकती है जो crowd diversion में मदद करें।
🔸 4. संचार व्यवस्था और अलर्ट सिस्टम
घटनास्थल पर लगे डिजिटल स्क्रीन, लाउडस्पीकर, और मोबाइल SMS alert system की मदद से भीड़ को नियंत्रित निर्देश दिए जा सकते हैं।
धार्मिक आस्था बनाम प्रशासनिक ज़िम्मेदारी
इस हादसे ने एक बात साफ़ कर दी — श्रद्धालुओं की आस्था जितनी गहरी है, उतनी ही गहरी ज़िम्मेदारी प्रशासन की भी होनी चाहिए।
अगर लाखों लोग आ रहे हैं, तो भीड़ केवल “प्रबंधित” नहीं, बल्कि डिजिटली नियंत्रित होनी चाहिए।
रथ यात्रा का यह काला दिन इतिहास में दर्ज रहेगा — लेकिन अगर इससे हम सीख लें, तो भविष्य में ऐसी त्रासदियाँ रोकी जा सकती हैं।

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