earthquake:उत्तराखंड में तेज भूकम्प के झटके’ इस जगह पर भी आया भूकंप

उत्तराखंड में भूकंप के झटके, घरों में नींद में सो रहे लोगों को दहशत ने निकाला बाहर

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर ने बताया कि नेपाल भूकंप का केंद्र था, इसकी तीव्रता 4.8 रिक्टर थी। करीब 15 सेकंड तक लोगों को भूकंप के झटके महसूस होते रहे।

earthquake:उत्तराखंड में तेज भूकम्प के झटके' इस जगह पर भी आया भूकंप
amar ujala

विस्तार

शनिवार तड़के उत्तराखंड के सीमांत जिले में भूकंप के झटके से धरती डोली। सुबह 4 बजे भूकंप का तगड़ा झटका महसूस किया गया, इससे लोगों में अफरा-तफरी फैल गई और वे कड़ाके की ठंड के बीच घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों पर दौड़े। करीब 15 सेकंड बाद भूकंप शांत होने से लोगों को राहत मिली।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर ने बताया कि नेपाल भूकंप का केंद्र था, इसकी तीव्रता 4.8 रिक्टर थी। जिले में इससे कहीं भी नुकसान नहीं हुआ। बताया कि चंपावत सहित अन्य जिलों में भी झटके महसूस किए गए।

#WATCH | Uttar Pradesh: People rush out of their houses in Vasundhara, Ghaziabad as strong earthquake tremors felt in several parts of north India. pic.twitter.com/wg4MWB0QdX

— ANI (@ANI) March 21, 2023

भूकंप क्यों आता है?

भूकंप पृथ्वी की सतह के नीचे होने वाली गतिविधियों के कारण आता है। इसके मुख्य कारण हैं:

  1. टेकटोनिक प्लेट्स का हिलना: पृथ्वी की पपड़ी कई टुकड़ों (प्लेट्स) में बंटी हुई है। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, अलग होती हैं, या सरकती हैं, तो ऊर्जा निकलती है, जिससे भूकंप होता है।
  2. ज्वालामुखी विस्फोट: ज्वालामुखी के फटने से भी भूकंप आ सकता है।
  3. खनन या विस्फोट: खनिजों की खुदाई या परमाणु परीक्षण के कारण भी भूकंप आ सकता है।
  4. भूगर्भीय असंतुलन: जमीन के नीचे दबाव या तनाव का असंतुलन भूकंप का कारण बनता है।

भूकंप को कैसे मापा जाता है?

भूकंप को मापने के लिए रिक्टर स्केल और सिस्मोग्राफ का उपयोग किया जाता है:

  1. रिक्टर स्केल: यह भूकंप की तीव्रता (intensity) मापता है। यह 1 से 10 के पैमाने पर मापा जाता है:
    • 3 या उससे कम: बहुत हल्का
    • 4-6: मध्यम तीव्रता
    • 7 या उससे ज्यादा: बहुत शक्तिशाली और विनाशकारी
  2. सिस्मोग्राफ: यह एक यंत्र है जो भूकंप के दौरान जमीन के कंपन को रिकॉर्ड करता है।

भूकंप से कैसे बचा जा सकता है?

भूकंप से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:

भूकंप के पहले:

  1. सुरक्षित इमारतें बनवाएं: भूकंपरोधी (Earthquake-resistant) डिजाइन का उपयोग करें।
  2. आपातकालीन किट तैयार रखें: टॉर्च, रेडियो, प्राथमिक चिकित्सा सामग्री, और पानी रखें।
  3. परिवार को जागरूक करें: भूकंप के समय क्या करें, इसके लिए अभ्यास करें।

भूकंप के दौरान:

  1. खुद को सुरक्षित करें:
    • ड्रॉप, कवर और होल्ड: जमीन पर बैठें, किसी मजबूत मेज या फर्नीचर के नीचे छिपें और पकड़े रहें।
    • खिड़कियों, शीशों, और भारी वस्तुओं से दूर रहें।
  2. इमारत से बाहर न भागें: जब तक भूकंप रुक न जाए, तब तक अंदर ही रहें।
  3. खुले मैदान में जाएं: यदि आप बाहर हैं, तो पेड़ों, बिजली के खंभों और इमारतों से दूर रहें।

भूकंप के बाद:

  1. गैस और बिजली के उपकरण जांचें: लीक या शॉर्ट सर्किट को तुरंत बंद करें।
  2. सुरक्षित स्थान पर रहें: क्षतिग्रस्त इमारतों में प्रवेश न करें।
  3. जानकारी प्राप्त करें: रेडियो या मोबाइल के जरिए आपातकालीन सेवाओं की जानकारी लें।

निष्कर्ष:

भूकंप को रोका नहीं जा सकता, लेकिन सतर्कता और तैयारी से नुकसान को कम किया जा सकता है। सही जानकारी और सावधानियों का पालन करके हम भूकंप के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

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