ख़मेनेई अस्वस्थ, ईरान ने गुपचुप तरीके से चुन लिया अपना अगला सर्वोच्च नेता!"
iranian supreme leader ali khamenei
ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई गंभीर रूप से अस्वस्थ बताए जा रहे हैं। उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंताओं के बीच, उत्तराधिकार की लड़ाई की खबरें सामने आईं। अब कहा जा रहा है कि उनके दूसरे बेटे मोजतबा खामेनेई को इजरायल के साथ टकराव के बीच शिया इस्लामिक राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है।
ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई: एक परिचय
अली खामेनेई (पूरा नाम: सैय्यद अली हुसैनी खामेनेई) ईरान के वर्तमान सर्वोच्च नेता हैं और ईरानी राजनीति में सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माने जाते हैं। वे 1989 से इस पद पर आसीन हैं। इस्लामी गणराज्य ईरान की शासन व्यवस्था में सर्वोच्च नेता का पद राष्ट्रपति से भी ऊंचा होता है।
प्रारंभिक जीवन
अली खामेनेई का जन्म 17 जुलाई 1939 को ईरान के मशहद शहर में एक धार्मिक परिवार में हुआ। उनके पिता एक प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान थे, जिन्होंने शिया इस्लाम के सिद्धांतों को सिखाने में प्रमुख भूमिका निभाई। खामेनेई ने भी युवा अवस्था में ही धार्मिक शिक्षा प्राप्त की और मशहद और क़ुम जैसे प्रसिद्ध धार्मिक केंद्रों में अध्ययन किया।
क्रांतिकारी जीवन
खामेनेई ने शाह के शासन के खिलाफ 1979 की इस्लामी क्रांति में सक्रिय भूमिका निभाई। वे आयतुल्लाह रुहोल्लाह खोमैनी के घनिष्ठ सहयोगी बने, जो इस्लामी क्रांति के नेता थे। क्रांति के बाद खामेनेई ने ईरान की नई इस्लामी सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
राजनीतिक करियर
- राष्ट्रपति पद: खामेनेई 1981 से 1989 तक ईरान के राष्ट्रपति रहे। उन्होंने इस अवधि में ईरान-इराक युद्ध के दौरान देश का नेतृत्व किया।
- सर्वोच्च नेता: 1989 में आयतुल्लाह खोमैनी की मृत्यु के बाद, खामेनेई को ईरान का सर्वोच्च नेता चुना गया। यह पद ईरान में धार्मिक और राजनीतिक शक्ति का केंद्र है।
सर्वोच्च नेता के रूप में भूमिका
अली खामेनेई के तहत, ईरान की राजनीति और नीतियां मुख्य रूप से इस्लामी सिद्धांतों पर आधारित हैं। वे:
- सेना, न्यायपालिका, और मीडिया पर नियंत्रण रखते हैं।
- विदेश नीति और परमाणु कार्यक्रम जैसे मुद्दों पर अंतिम निर्णय लेते हैं।
- धार्मिक और सांस्कृतिक दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं।
प्रमुख नीतियां और दृष्टिकोण
- अमेरिका और इजरायल के खिलाफ रुख: खामेनेई ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, जिसे “वैश्विक साम्राज्यवाद” के खिलाफ लड़ाई के रूप में देखा जाता है।
- परमाणु कार्यक्रम: खामेनेई ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम का समर्थन किया, लेकिन यह भी कहा कि परमाणु हथियार इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ हैं।
- इस्लामी एकता: वे शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच एकता की वकालत करते हैं।
आलोचना और विवाद
अली खामेनेई की सरकार पर अक्सर मानवाधिकार हनन, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबंदी, और राजनीतिक विरोधियों को दबाने के आरोप लगते रहे हैं। 2009 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद हुए प्रदर्शनों को दबाने के लिए उनकी आलोचना की गई थी।
व्यक्तिगत जीवन
खामेनेई एक साधारण जीवन जीने के लिए जाने जाते हैं। वे साहित्य और काव्य के शौकीन हैं और अरबी और फारसी भाषाओं में निपुण हैं।
निष्कर्ष
अली खामेनेई ईरान के सबसे प्रभावशाली नेता हैं, जिनकी नीतियों ने न केवल ईरान बल्कि पूरे मध्य पूर्व पर प्रभाव डाला है। उनके समर्थक उन्हें इस्लामी सिद्धांतों के संरक्षक और पश्चिमी साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक मानते हैं, जबकि आलोचक उन्हें एक सत्तावादी नेता के रूप में देखते हैं।
उनका जीवन और कार्य ईरान की धार्मिक और राजनीतिक संरचना को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं।